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Sunday 11 February 2018




VIRALFEVER का उपचार :- VIRALFEVER एक बहुत हीगंभीर FEVER और ये FEVERवायरस के संक्रमण केकारण फैलता है. इसलिए इसे VIRAL फीवर या VIRAL FEVERके नाम से जाना जाताहै. VIRAL FEVER के वायरस गलेमें सुप्तावस्था में निष्क्रिय रहते हैं. ठंडे वातावरण में आने, फ्रिज का ठंडा पानी, शीतल पेय पीने आदि से ये वायरससक्रिय होकर हमारे इम्युनिटी सिस्टम को प्रभावित करदेते हैं.


औरये FEVER आम FEVER सेथोड़ा सा ज्यादा खतरनाकहोता है. VIRAL FEVER की सबसे ख़ासबात ये है कियह बीमारी एक व्यक्ति सेदूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी तथा बड़ी तेजी से पहुँचती है. इसके विषाणु साँस द्वारा एक से दूसरेमें पहुँचते हैं. फैलने के बाद फ्लूएक-दो दिन तथाकभी-कभी कुछ घंटों में सक्रिय हो जाता है. इसलिए ये FEVER कुछज्यादा खतरनाक होता है. लेकिन VIRAL FEVER का उपचार भीहै.

VIRALFEVER का उपचार (Treatment of viral fever)






VIRALFEVER बहुत तेजी से फैलता हैऔर बच्चो में और शिशुओं केलिए VIRAL और अधिक कष्टदायीहोता है. इससे वे पीले तथासुस्त पड़ जाते हैं. उन्हें श्वसन तथा स्तनपान में कठिनाई के साथ हीउल्टी-दस्त भी हो सकतेहैं. और ये उनकेजानलेवा फीवर होता है. इसके अलावा शिशुओं में निमोनिया, कंठशोथ और कर्णशोथ जैसीजटिलताएँ भी पैदा होजाती हैं. किसी अन्य रोग के साथ मिलकरVIRAL FEVER रोगी की हालत कोऔर भी खराब करदेता है.


औरइससे कई सारे रोगहो जाते है. उदाहरण के लिए यदिखाँसी के रोगी बच्चेको VIRAL हो जाए तोउसका तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित होसकता है. इसलिए पेचिश और क्षय रोगके मरीजों को इससे विशेषरूप से बचाना चाहिए. और भी कई लक्षणहै इस VIRAL फीवरहै लेकिन VIRAL FEVER का उपचार भीहै.


VIRALFEVER के लक्षण :- VIRALFEVER में कई सारे लक्षणहै जिन्हे आप आसानी सेपहचान सकते है और पतालगा सकते है कि आपकोVIRAL FEVER है या नहीं, इस FEVER के आने परआँखें लाल हो जाती हैऔर उनमे हलकी सी जलन भीहोती है और इसFEVER में शरीर का ताप 101 डिग्रीसे 103 डिग्री या और ज्यादाभी हो जाता है.


जोअन्य FEVER के सामान हीहै लेकिन इस FEVER केआने पर खांसी औरजुकाम होना, जोड़ों में दर्द और सूजन होना, थकान और गले मेंदर्द होना और बार बारबहुत तेजी सी नाक बहना, एवं पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द होना ये कुछ लक्षणहै लेकिन कुछ और भी सामान्यसे लक्षण भी जिन परध्यान बहुत कम देते हैजैसे भूख का कम लगानाया फिर भूख खा लगना, लेटने के बाद उठनेमें कमजोरी महसूस करना, बहुत तेज सिरदर्द होना भी इसके लक्षणहै जिन्हे आप आसानी सेपहचान सकते है.


VIRALFEVER का होना औरइसके लक्षण के साथ साथइसके कारण भी जानना बहुतजरूरी है और इसकेफैलने के कारण शरीरके प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होनाहै और इसकी वजहVIRAL FEVER आसानी से होता है. अगर शरीर की प्रतिरक्षण क्षमताया इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा है और मजबूतहो तो यह बीमारीजल्दी नहीं होती है.


औरभी कई कारण हैजैसे की संक्रमण काएक दूसरे में फैलाना भी एक महत्वपूर्णकारण है.VIRAL FEVERका उपचार बहुत ही आसान औरसरल है. VIRAL FEVER अकसर सामान्य FEVER ही लगता हैइसलिए FEVER होने पर डॉक़्टर केपास जरूर जाना चाहिए ताकि यह पता चलसके कि VIRAL FEVERहै या नहीं.


VIRALFEVER होने पर अगर FEVERसे शरीर का तापमान 102 डिग्रीतक है और कोईऔर खतरनाक लक्षण नहीं हैं तो मरीज कीदेखभाल घर पर हीकर सकते हैं. मरीज के शरीर परसाधा पानी की पट्टियां थोड़ेथोड़े समय पर रखने सेभी काफी हद तक आराममिलता है.पट्टी रखनेके बाद वह गरम होजाती है इसलिए उसेसिर्फ 1 मिनट तक ही रखें. मरीज को हर छहघंटे में पैरासिटामॉल की एक गोलीदे सकते हैं.


बच्चोंको हर चार घंटेमें 10 मिली प्रति किलो वजन के अनुसार दवादे सकते हैं. लेकिन यदि FEVER दो दिन तक उतरे तो मरीज कोडॉक्टर के पास जरूरले जाएं. और अपने आसपास साफसफाई का पूरा ख्यालरखें. मरीज को VIRAL है, तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और रोगी केद्वारा उपयोग की गई बस्तुओंका उपयोग भूलकर भी करेंक्योंकि उसमे रोग के वायरस मौजूदहो सकते है.


VIRALFEVER से पीड़ित मरीजको पूरा आराम करने दें, खासकर तेज FEVER में उसे आराम ही करने देनाचाहिए क्योंकि आराम बहुत से रोगों कोठीक करने में मददगार साबित होता है. मरीज छींकने से पहले नाकऔर मुंह पर रुमाल रखेंक्योंकि इससे वायरस के VIRAL होनेपर दूसरों में फैलेगा नहीं. और इस FEVERमें एंटीबॉयटिक दवाओं की कोई भूमिकानहीं होती है. इसलिए VIRAL फीवर 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है. इस FEVER का इलाज लक्षणोंके आधार पर किया जाताहै, रोगी को पर्याप्त मात्रामें ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट लेनाचाहिए.


VIRALFEVER का उपचार देशीयानि घरेलु तरीकों से भी कियाजा सकता है.तुलसी केपत्ते का काढ़ा आपकेVIRAL FEVER को ठीक करनेमें आपकी बहुत मदद करेगा क्योंकि तुसली एक औषधीय पौधाहै और इसमें बैक्टीरियलविरोधी, जैविक विरोधी, कीटाणुनाशक और कवकनाशी गुणहोते है जिसके कारणVIRAL FEVER का उपचार इससेबेहतर और कोई नहींहै. इसे बनाने की विधि भीबहुत ही आसान हैआधे से एक चम्मचलौंग पाउडर को करीब 20 ताजाऔर साफ तुलसी के पत्तों केसाथ एक लीटर पानीमें डालकर उबाल लें. पानी को तब तकउबालें जब तक किपानी घट कर आधा रह जाए. इसकाढ़े का हर दोघंटे में सेवन करें. आपका FEVER कुछ हद तक खत्महो जायेगा.


अदरकभी बहुत ही ज्यादा लाभकारीहै क्योंकि इसमें एंटी फ्लेमेबल, एंटीऑक्सिडेंट और VIRAL FEVERके लक्षणों को कम करनेके लिए एनलजेसिक गुण होता है VIRAL FEVERको दूर करने के लिए शहदके साथ सूखी अदरक का उपयोग करनाचाहिए. और इसके बनानेके लिए आप को एककप पानी में दो मध्यम आकारके सूखे टुकड़े अदरक या सौंठ पाउडरको डालकर उबालना है..


औरदूसरे उबाल में अदरक के साथ थोड़ीहल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालना हैइससे भी VIRAL FEVERमें रहत मिलती है. और मेथी केबीज में डायेसजेनिन, सपोनिन्स और एल्कलॉइड जैसेऔषधीय गुण शामिल है. इसलिए मेथी के बीजों केप्रयोग से VIRAL FEVERको ठीक किया जा सकता हैलेकिन यदि इससे कोई फायदा हो तोतुरंत डॉक्टर को दिखाएँ.

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