इन6 Serious diseases का जड़ से सफाया करती है TULSI :- TULSI सिर्फ घर की शोभा बढ़ाने वाला पौधा ही नहीं है बल्कि ये औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है। हिंदू धर्म में TULSI की भगवान की तरह भी पूजा की जाती है। आज के दौर में जितनी तेजी से बीमारियां बढ़ रही है उसमें लोगों को ऐलोपैथी की तरफ झुकाव होना लाजमी है। लेकिन TULSI ऐसी औषधी है जो कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है। TULSI में कई औषधीय गुण होते हैं। हृदय रोग हो या सर्दी जुकाम, भारत में सदियों से TULSI का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। आइए जानते हैं किन बीमारियों के लिए वरदान है TULSI
इन 6 Serious diseases का जड़ से सफाया करती है TULSI (Tulsi wipes out these 6 serious diseases)
1. सांसों की दुर्गंध ( breath Odor)
अनियमित और दूषित खानपान के चलते आजकल लोगों में सांसों की दुर्गंध का रोग बहुत पाया जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए कई लोग हजारों रुपये खर्च कर देते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं होता है। ऐसे में अगर TULSI का प्रयोग किया जाए बहुत फायदा मिल सकता है। TULSI की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। इसके अलावा TULSI की पत्तियां चबाने से भी सांसों की दुर्गंध और पायरिया जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
2. गले की खराश (Sore throat)
वैसे तो गले की खराश सर्दियों में ठंड की वजह से होती है। लेकिन कई लोगों को यह समस्या गर्मियों में हो जाती है। अगर आप भी कुछ इसी तरह के रोग से जूझ रहे हैं तो चाय की पत्तियों को उबालकर पीएं। गले की खराश दूर हो जाएगी। बच्चों में गले की खराश जैसी समस्याएं गर्मियों में भी हो जाती हैं। उन्हें TULSI की पत्त्यिों का काढ़ा बनाकर पिलाएं। काफी आराम मिलेगा। (Will be quite relaxed)
3. श्वास की समस्या (Breathing problem)
श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में TULSI खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और TULSI को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और TULSI के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।( Gives quick relief)
4. हृदय रोग (heart disease)
TULSI खून में CHOLESTEROL के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है। हालांकि जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी नहीं है उन्हें भी TULSI का नियमित सेवन करना चाहिए।
5. तनाव (Tension)
TULSI की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि TULSI तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति TULSI के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है। (Can eat twice daily)
6. संक्रमण और त्वचा रोग (Infection and skin diseases)
संक्रमण रोगों के लिए TULSI का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। रोजाना TULSI की कुछ पत्तियों को चबाने से संक्रमण का सफाया होता है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में TULSI के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।
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